LOST SPRING CLASS 12 ENGLISH QUESTIONS AND ANSWERS
Lost Spring: Stories of Stolen Childhood (Class 12, English Flamingo book)
लेखिका: Anees Jung
लेख का मुख्य उद्देश्य:
यह पाठ गरीब बच्चों के शोषण, गरीबी और उनके सपनों के टूटने की करुण कहानी प्रस्तुत करता है। इसमें लेखक ने दो बच्चों - साहेब और मुकेश - के जीवन के माध्यम से भारत में बाल श्रम और गरीबी के दुष्प्रभाव को दर्शाया है।

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कहानी का सारांश (Summary in Hindi):
1. साहेब-ए-आलम: रद्दी बीनने वाला लड़का
साहेब नाम का एक लड़का है जो दिल्ली के पास की झुग्गियों में रहता है। वह कचरा बीनने का काम करता है।
उसकी असली पहचान एक बांग्लादेशी शरणार्थी की है, जिसका परिवार वहां की बाढ़ से तबाह होकर भारत आ गया था।
साहेब के पास पढ़ाई करने और एक अच्छा जीवन जीने का सपना है, लेकिन गरीबी उसे रद्दी बीनने पर मजबूर करती है।
एक दिन, वह चाय की दुकान पर काम करने लगता है, लेकिन उसका बचपन और आजादी उससे छिन जाती है।
> मूल भावना: गरीब बच्चों के सपनों की मौत और उनका शोषण।
मुकेश: कांच के चूड़ियों का निर्माता
मुकेश फिरोज़ाबाद में रहता है, जो चूड़ियों के उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
उसके परिवार की पीढ़ियां चूड़ियां बनाने का काम कर रही हैं, जो उनकी गरीबी और बदहाली का कारण है।
मुकेश पढ़ाई नहीं करता, लेकिन उसका सपना है कि वह कार मैकेनिक बने।
वह इस काम को छोड़कर एक बेहतर जीवन जीना चाहता है, लेकिन पारिवारिक दबाव और सामाजिक बंदिशें उसे रोकती हैं।
> मूल भावना: परंपरागत काम में बंधे बच्चों के सपनों का संघर्ष।
राम
पठ की मुख्य बातें:
1. गरीबी और शोषण: साहेब और मुकेश जैसे बच्चों की दुर्दशा भारत में गरीबी और शोषण का प्रतीक है।
2. शिक्षा का अभाव: शिक्षा और अवसरों की कमी बच्चों को मजदूरी करने पर मजबूर करती है।
3. सपने और वास्तविकता: दोनों बच्चे अपने सपनों और कठोर वास्तविकता के बीच संघर्ष करते हैं।
4. सामाजिक समस्याएं: बाल श्रम, गरीबी और परिवारों की परंपरागत मजबूरियां मुख्य समस्याएं हैं।
मुख्य संदेश (Message):
यह पाठ समाज को जागरूक करता है कि गरीब बच्चों का बचपन बर्बाद न हो। उन्हें शिक्षा और बेहतर जीवन जीने का अधिकार मिलना चाहिए।
निष्कर्ष:
लेखिका ने साहेब और मुकेश की कहानियों के जरिए गरीबी, शोषण और बाल श्रम के खिलाफ आवाज उठाई है। यह समाज को बच्चों के भविष्य की ओर सोचने के लिए प्रेरित करता है।
QUESTIONS AND ANSWERS
Chapter 2: Lost Spring
(1) What is Saheb looking for in the garbage dumps? Where has he come from?
प्रश्न (हिंदी में): Saheb कूड़े के ढेर में क्या खोज रहा है? वह कहां से आया है?
उत्तर: Saheb looks for valuable items like coins or toys in the garbage. He has come from Dhaka, Bangladesh.
Hindi Meaning: Saheb कूड़े के ढेर में कीमती चीजें जैसे सिक्के या खिलौने ढूंढता है। वह ढाका, बांग्लादेश से आया है।
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(2) What explanations does the author offer for the children not wearing footwear?
प्रश्न (हिंदी में): लेखक बच्चों के जूते न पहनने का क्या कारण बताते हैं?
उत्तर: The author says that children do not wear footwear either because of poverty or as a tradition.
Hindi Meaning: लेखक कहते हैं कि बच्चे गरीबी के कारण या परंपरा के रूप में जूते नहीं पहनते।
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(3) Is Saheb happy working at the tea stall? Explain.
प्रश्न (हिंदी में): क्या Saheb चाय की दुकान पर काम करने से खुश है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: No, Saheb is not happy. He misses the freedom of his earlier days while collecting garbage.
Hindi Meaning: नहीं, Saheb खुश नहीं है। उसे कूड़ा बीनने के दिनों की आजादी याद आती है।
---राम
(4) What makes the city of Firozabad famous?
प्रश्न (हिंदी में): फ़िरोज़ाबाद किस कारण प्रसिद्ध है?
उत्तर: Firozabad is famous for its glass bangles industry.
Hindi Meaning: फ़िरोज़ाबाद अपनी कांच की चूड़ियों की उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
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(5) Mention the hazards of working in the glass bangle industry.
प्रश्न (हिंदी में): कांच की चूड़ी बनाने के उद्योग में काम करने के खतरे क्या हैं?
उत्तर: The workers face health issues like poor eyesight, burns, and breathing problems.
Hindi Meaning: मजदूरों को आंखों की रोशनी कमजोर होने, जलने और सांस की समस्याओं जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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(6) How is Mukesh’s attitude to his situation different from that of his family?
प्रश्न (हिंदी में): Mukesh का अपने हालात के प्रति रवैया अपने परिवार से कैसे अलग है?
उत्तर: Mukesh wants to become a motor mechanic and is determined to break free from the traditional bangle-making work, unlike his family who accepts their fate.
Hindi Meaning: Mukesh मोटर मैकेनिक बनना चाहता है और पारंपरिक चूड़ी बनाने के काम से छुटकारा पाना चाहता है, जबकि उसका परिवार अपनी किस्मत को स्वीकार करता है।
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